One of my favourite song from - woh kaun thi -1964
"लग जा गले की फिर यह, हंसी रात हो न हो....
शायद फिर इस जनम, मैं मुलाकात हो न हो...
हमको मिली हैं आज यह, घड़ियाँ नसीब से
जी भर के देख लीजिये, हम को करीब से
फिर आप के नसीब मैं यह बात हो न हो
शायद फिर इस जनम, मैं मुलाकात हो न हो...
पास आइये के हम नहीं आयेंगे बार बार
बाहें गले मैं दाल के, हम रो ले जार जार
आखों से फिर यह, प्यार की बरसात हो न हो..
शायद फिर इस जनम, मैं मुलाकात हो न हो..."
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